Uncategorized

गाज़ीपुर स्थित मुख़्तार अंसारी की ग़ज़ल होटल मे 6 दुकाने 2021 में गैंगस्टर एक्ट की धाराओं में बंद किया था। लेकिन अब दुकानदारों के चेहरे पर राहत दिखी

गाजीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद निवासी बाहुबली स्व.मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके परिवार और गैंग के खिलाफ सरकार सख्त है। लेकिन कोर्ट का नरम रुख सामने आया है। जहां सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के ग़ज़ल होटल की बंद पड़ी छह दुकानों का ताला आज उसी प्रशासन ने फिर खोल दिया है। जिन्होंने उसे साल 2021 में गैंगस्टर एक्ट की धाराओं में बंद किया था। लेकिन अब दुकानदारों के चेहरे पर राहत दिखी।

बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के महुआबाग में स्थित गजल होटल की बिल्डिंग में कुर्क 6 दुकानों का ताला सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुल गया है। ये दुकानें गैंगस्टर एक्ट के तहत हुई कार्यवाही के बाद सील कर दी गई थीं। दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मई में आदेश पारित कर दुकानें खोलने का निर्देश दिया था। जिसमें आज 1 अक्टूबर को सरकारी कार्यवाहियों को पूरा करते हुए सदर तहसीलदार राजीव यादव की मौजूदगी में दुकानें खोली गई हैं।
दुकानदार आमिर अंसारी ने बताया कि नवरात्रि में दोहरी खुशी मिली है। कांसगंज जेल से मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की रिहाई हुई है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 6 दुकानें खुलने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर कार्यवाही के चलते उनकी दुकानें 2021 से बंद थीं। दुकानदारों ने प्रशासन के सहयोग की भी सराहना की है। प्रशासनिक कर्मियों ने दुकानों का ताला खोलने में मदद की, जिससे दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। दुकानदार आमिर अंसारी ने बताया कि इस कॉम्प्लेक्स में कुल 15 दुकानें हैं। बंद 15 दुकानों में से 6 दुकानों को लेकर हम 4 दुकानदार सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने दुकानें खोली हैं। हमलोगों को इन दुकानों का किराया सरकारी कोष में जमा करना होगा।
बता दें कि गजल होटल का मामला मरहूम माफिया मुख्तार अंसारी और उनकी फरार चल रही बीवी अफ़्शा अंसारी के परिवार से जुड़ा है। जिनके खिलाफ बुलडोजर एक्शन के साथ गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्की की कार्यवाही हुई थी। होटल की जमीन को लेकर भी विवाद है, जिसमें आरोप है कि जमीन का गलत इस्तेमाल किया गया था। लेकिन जमीन के एक हिस्से में बनी दुकानों के किराएदारों को सुप्रीमकोर्ट ने राहत देते हुए, जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए तहसीलदार सदर को प्रशासक नियुक्त करते हुए दुकानदारों के साथ एक एग्रीमेंट कर दुकानों को शर्तों के अनुसार खोल दिया है। जिसका किराया ये दुकानदार समय से सरकारी कोष में जमा कराएंगे। इस बात की जानकारी सदर तहसीलदार राजीव यादव ने फोन के माध्यम से मीडिया से साझा की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!