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गाजीपुर के नोनहरा कांड मामला मे सीताराम उपाध्याय की मौत पर अधिवक्ताओं का जोरदार प्रदर्शनऔर क्या किया मांग

*नोनहरा कांड से जुड़ा मामला, सीताराम उपाध्याय की मौत पर अधिवक्ताओं का जोरदार प्रदर्शन*

*गाजीपुर (मोहम्मदाबाद)।*
नोनहरा थाना क्षेत्र के गठिया गांव में बिजली का पोल गाड़ने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बड़े रूप में सामने आ गया है। इसी विवाद से जुड़े प्रकरण में सीताराम उपाध्याय की मौत हो गई थी, इस घटना से अधिवक्ता समुदाय में गहरा आक्रोश है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को ओंकार राय और अरविंद राय के बीच बिजली के खंभे को लेकर विवाद हुआ था। दोनों ही पक्ष भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस दौरान नोनहरा थाने पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। उसी विवाद से जुड़े सीताराम उपाध्याय की मौत ने पूरे जिले का माहौल गरमा दिया है।

शुक्रवार को मोहम्मदाबाद दीवानी न्यायालय से अधिवक्ताओं का एक बड़ा समूह बार एसोसिएशन अध्यक्ष विमल कुमार राय और संयोजक दयाशंकर दुबे के नेतृत्व में सड़क पर उतरा। अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद”, “पुलिस अधीक्षक वापस जाओ”, “सीताराम उपाध्याय अमर रहे”, “हत्यारों को फांसी दो” जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। जुलूस न्यायालय परिसर से निकलकर गोलंबर होते हुए तहसील तक पहुँचा।

तहसील परिसर में वक्ताओं ने कहा कि सीताराम उपाध्याय की मौत एक निंदनीय और शर्मनाक घटना है। अधिवक्ताओं ने मांग की कि हत्यारों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाए।

प्रदर्शन के बाद अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी मोहम्मदाबाद हर्षिता तिवारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें मृतक सीताराम उपाध्याय के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, सभी घायलों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, और तत्काल मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध कराने की मांग की गई।

इस मौके पर बार एसोसिएशन अध्यक्ष विमल कुमार राय, संयोजक दयाशंकर दुबे, अधिवक्ता चंद्र प्रकाश राय, आलोक राय, कृष्ण गोपाल द्विवेदी, संतोष कुमार गुप्ता, गोविंद नारायण सिंह, पप्पू यादव, रितेश राय सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

फिलहाल नोनहरा कांड और सीताराम उपाध्याय की हत्या ने जिले की राजनीति और अधिवक्ता समाज दोनों को आंदोलित कर दिया है। प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है,

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