गाजीपुर के मोहम्मदाबाद मे बहुत ही धूमधाम व शांति और शौहार्द अकीदत से मनाया गया त्योहार

*फिज़ाओं में गूंजी नात, सड़कों पर उमड़ा हुजूम— जश्न-ए-मिलादुन्नबी ने पेश की भाईचारे की मिसाल*
गाजीपुर जनपद मोहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को जश्न-ए-मिलादुन्नबी (12 रबी-उल-अव्वल शरीफ) के पावन मौके पर इमान, मोहब्बत और भाईचारे के रंग में सराबोर दिखा। हजारों अकीदतमंद जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल होकर इत्तेहाद और आस्था की ऐसी मिसाल पेश की, जिसे देख हर जुबां पर एक ही नारा गूंज उठा— “नारे तकबीर… अल्लाहु अकबर!”
दोपहर लगभग 2 बजे मोहम्मदाबाद की जमा मस्जिद से झंडा जुलूस रवाना हुआ। यह दुल-दुल मोहल्ला, पोखरा मोहल्ला, भट्टी मोहल्ला, सदर रोड और तहसील गोलंबर से होता हुआ हाटा रोड की ओर बढ़ा। वहीं, सलेमपुर और दाउदपुर से उठे जुलूस भी इसमें शामिल हुए। इसी क्रम में यूसुफपुर कमेटी का झंडा नवापुरा, प्रिंस सिनेमा रोड से होकर विट्ठल चौराहे पर पहुँचा, तो चारों तरफ एक ही माहौल था— जश्न, भाईचारा और मोहब्बत का आलम।
रास्ते भर तकबीरों की गूंज माहौल को रोशन करती रही। नातिया कलाम से दिल महक उठे और जगह-जगह दरूद-ओ-सलाम की डालियाँ निछावर की जाती रहीं। नगरवासियों ने अपने स्तर से शरबत, ठंडे पानी और चाय की सबील लगाकर मेहमाननवाजी की, जिसने जुलूस की रौनक और भी बढ़ा दी।
जुलूस-ए-मोहम्मदी में अंजुमन गुलजार हैदरी, अंजुमन आजाद, अंजुमन बरकतिया, अंजुमन निजामिया, अंजुमन लश्करे अब्बास समेत अनेक अंजुमनों की शिरकत रही। बाहरी अंजुमनों की मौजूदगी ने भी जश्न को खास बना दिया। वहीं, फतेहबाग मस्जिद को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया गया, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
इस अवसर पर प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद और सतर्क दिखाई दिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे रूट पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखी और जुलूस को शांतिपूर्ण एवं सकुशल संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।