मोहम्मदाबाद निवासी फ़िरदौस खान की प्रेणादायक यात्रा रेल मंत्रालय मे की बड़ी उपलब्धि हासिल, सभी लोग दे रहे है बधाई

*मोहम्मदाबाद निवासी फ़िरदौस खान की प्रेरणादायक यात्रा: रेल मंत्रालय में की बड़ी उपलब्धि हासिल,सभी लोग दे रहे है बधाई*
गाजीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद भट्टी मुहल्ला की बेटी फ़िरदौस खान ने अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा से एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो मोहम्मदाबाद और गाजीपुर जिले के समस्त युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। फ़िरदौस खान को हाल ही में भारत सरकार के रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) में संयुक्त निदेशक/एसएंडटी/सेंटर ऑफ एक्सीलेंस/कवच के पद पर पदोन्नति मिली है। यह उपलब्धि उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और यह हर उस युवा को यह संदेश देती है कि अगर आपके पास सपने हैं और उन्हें पूरा करने की जिद है, तो कोई भी राह मुश्किल नहीं।
फ़िरदौस खान, जो भट्टी मोहल्ला, मोहम्मदाबाद के प्रसिद्ध व्यवसायी और केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, मोहम्मदाबाद के अध्यक्ष श्री मोहम्मद तन्हाई खान की पुत्री और स्वर्गीय डॉक्टर इकबाल अहमद खान की पौत्री हैं, ने अपनी इस यात्रा में हर कदम पर यह साबित किया कि शिक्षा और मेहनत के बल पर कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है। उनकी यात्रा की शुरुआत गाजीपुर के सेंट जॉन्स स्कूल से हुई, जहां उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इंटरमीडिएट प्रवेश परीक्षा को पास किया और वहां से अपनी 12वीं की पढ़ाई की। अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा दी और एएमयू से ही इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच में बीटेक किया,फ़िरदौस की मेहनत तब रंग लाई जब उन्होंने 2013 में गेट (GATE) परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक 31 हासिल की। इस सफलता के बाद उन्हें आईआईटी मुंबई में एमटेक के लिए दाखिला मिला, लेकिन उसी दौरान उन्हें भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), सेल (SAIL), गेल (GAIL) और एचपीसीएल (HPCL) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से ऑफर मिले। उन्होंने एचपीसीएल के मुंबई मुख्यालय में एक साल तक काम करने का फैसला किया, लेकिन उनकी नजरें कुछ और बड़ा हासिल करने पर थीं। इसी दौरान, 2014 में उन्होंने यूपीएससी आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज) परीक्षा दी और पूरे भारत में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के बाद उन्होंने भारतीय रेलवे में अपनी सेवाएं शुरू कीं और 2015 से दक्षिण मध्य रेलवे (साउथ सेंट्रल डिवीजन) में एक शीर्ष अधिकारी के रूप में कार्य किया। उनकी मेहनत और नेतृत्व ने उन्हें अब रेल मंत्रालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में यह नई जिम्मेदारी दिलाई है,इस उपलब्धि पर उनके पति, तस्नीम खान, जो स्वयं गूगल में एक वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने गर्व और खुशी जाहिर की। तस्नीम ने कहा, “फ़िरदौस की मेहनत और लगन को देखकर मुझे बहुत गर्व होता है। वह हमारे क्षेत्र के हर युवा के लिए प्रेरणा हैं जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है।” फ़िरदौस की कहानी नारी सशक्तिकरण के साथ-साथ युवा शक्ति का भी एक जीवंत उदाहरण है, जो हमें सिखाती है कि शिक्षा, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ हर बाधा को पार किया जा सकता है।
भट्टी मोहल्ला और मोहम्मदाबाद के लोग उनकी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। वरिष्ठ पत्रकार आनंद कुमार त्रिपाठी ने कहा, “फ़िरदौस ने हम सबको यह दिखाया है कि अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। वह हमारे युवाओं के लिए गर्व का विषय हैं।” वहीं, फ़िरदौस की माँ समीउन निशा ने गर्व से कहा, “मेरी बेटी ने हमेशा मेहनत की और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष किया। आज उसकी सफलता देखकर मेरा दिल खुशी से भर गया है। उसे और उसके परिवार को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं।”
फ़िरदौस की यह यात्रा मोहम्मदाबाद और गाजीपुर के हर युवा को अपने सपनों को पंख देने की प्रेरणा देती है। उनकी सफलता हमें यह विश्वास दिलाती है कि आप ही देश का भविष्य हैं, और अगर मेहनत और लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। भट्टी मोहल्ला, मोहम्मदाबाद और गाजीपुर के लोग उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं।