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गाजीपुर के मोहम्मदाबाद मे हिन्दू मुस्लिम एकता की बड़ी मिसाल देखने को मिली हज़ यात्रियों को विदा करने पहुचे दोनो समुदाय के लोग

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल: हज के लिए यात्रियों को विदा करने को उमड़ पड़े लोग

युसूफपुर रेलवे स्टेशन से हज यात्रा पर निकले 7 मुस्लिम समुदाय के लोगों को विदा करने के लिए हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। हिंदू समाज के लोगों ने फूल-मालाएं पहनाकर गले लगाया और दुआएं दीं। पूरा माहौल एकता और सौहार्द से सराबोर हो गया। आज की ये तस्वीर गंगा-जमुनी तहजीब की असली पहचान बनी।
इसी क्रम में नगर वासी आलमगीर राइनी ने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
इसी क्रम मे मोहम्मदाबाद नगर पालिका अध्यक्ष रईस अंसारी ने हज जाईरीन से गले मिल कर लखनऊ के लिए रवाना किए

मुहम्मदाबाद क्षेत्र मे आज एक तारीखी मंजर का गवाह बना, जब यूसुफ़पुर जमालपुर के रहने वाले डॉ. ऐनुल हक़ उर्फ़ मिंटू (58 साल) और उनकी अहलिया (पत्नी) अहमदी खातून (55 साल), सदर रोड मोहम्मदाबाद के जावेद अहमद ख़ान की बेग़म, ग्राम पखनपुरा के आफ़ताब ख़ान (65 साल), उनकी ज़ौजा (पत्नी) सलेहा (60 साल) और बहन ख़लीकून (70 साल) समेत कुल 7 ज़ाइरीन हज की मुक़द्दस सफ़र पर रवाना हुए।

इनकी रुख़सती (विदाई) पर मज़हबी सरहदें मिट गईं। हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की ऐसी तस्वीर पेश हुई कि पूरा इलाक़ा मोहब्बत और इत्तेहाद (एकता) की मिसाल बन गया। फूलों की मालाएं और गले मिलने का सिलसिला देर तक चलता रहा। दुआओं और सलामत रहो की सदाओं से फिज़ा महक उठी।

लोगों ने कहा कि *’मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’,* और आज मुहम्मदाबाद ने दुनिया को दिखा दिया कि इंसानियत से बढ़कर कोई मज़हब नहीं।

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